26th January (Republic Day Essay)
Republic Day essay : जो पर्व राष्ट्र के सभी लोग हर्षोल्लास के साथ मनते हैं, उन्हे राष्ट्रीय पर्व कहते हैं। 26 जनवरी, 1930 को पंडित जवाहरलाल के की अध्यक्षता में हमारे देश के नेताओं ने पूर्ण स्वराज की मांग अंगे्जो के समक्ष रखी थी। तब से भारत के नेता लोग पूर्ण स्वराज्य क्री परग अंग्रेजों के सामने आजादी. मिलने से पूर्व तक दोहराते रहे। 15 कल 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ परन्तु उस समय देश को चलाहत् »हमारा कोई संविधान नहीं था। 26 जनवरी, 1950 को हमारे देह दा संविधान लागू हुआ और इसी दिन से भारत प्रभुता संपन्न गणतंत्र बना तभी से प्रतिवर्ष 20 जनवरी “गणतंत्र दिवस’ के रूप में मनाया जाता हे
गणतंत्र दिवस हर वर्ष 26 जनवरी को सारे देश में मनाया जाता है विद्यालयों में प्रधानाचार्य राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं तथा देश के बलिदान हुए स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं। प्रदेश कौ में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह देश की राजधानी गेंट पर आयोजित किया जाता है। यह कार्यक्रम देखने के लिया देश के कोने-कोने से लाखों लोग यहां देर रात से ही एकत्र होने आरंभ हो जाते हैं।
राष्ट्रपति अपने सुरक्षा गाड़ों से घिरे बंद कार में आते हैं। उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य उनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। आकाश में सेना के हेलीकॉप्टर पुष्प वर्षते है। तत्पश्चात् राष्ट्रपति सेना के तीनों अंगों,की परेड की सलामी लेते हैं। इक्कीस तोपों से राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी जाती है। इस अवसर पर जल, थल एवं वायु सेना राष्ट्रपति का अभिवादन करते हुए उनके सामने से निकलती हैं।
एन.सी.सी. के छात्र छात्राएं एवं साधारण छात्र छात्राएं भी इस रूट मार्च में भाग लेते हैं। स्कूल के बच्चे विभिन्न program करते हुए जाते हैं। अन्त में सभी प्रदेशों तथा सरकार के कुछ भागों की मनोरम झाकियां निकलती हैं। सेना के नवीनतम अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन होता है। सेना के जवान मोटरसाइकिलों पर अपना अभूतपूर्व करते हैं। प्रदेशों की..झांकियों में वहां की सभ्यता-संस्कृति, लोकनृत्य राज्यों की औद्योगिक प्रगति, कृषि उत्पादन, हस्तशिल्प आदि को प्रदर्शित किया जाता है। सम्पूर्ण कार्यक्रम को टेलीजिजन और रेडियो द्वारा, प्रसारित किया जाता है।
यह दिन हमें उन वबीरों की याद दिलाता है जिन्होंने इस देश को आजाद कराने के लिए अनेक कष्टों को सहा और अपने प्राण भी न्यौछावबर कर दिए। हमें उन अमर शहीदों को याद करते हुए देश कौ समता और अखंडता की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।